15 - 11 - 2023, 06:10 PM
|
|
|
† Admin Woman †
|
|
|
|
|
|
"ولتأتني رأفتك فأحيا،
فإن ناموسك هو درسي" [77].
إن كان المرتل ينسب كل تعزية إلى نعمة الله السخية المجانية
لا إلى قدراته الفكرية أو إرادته القوية، فإنه يشعر بالدين بحياته
كلها لرأفات الله؛ بها يحيا، وبناموسه
أو وصيته يتأمل ويدرس ويتلذذ.
|